...

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Sukun Zindagi Ya maut
एक शायर ने मृत्यु पर क्या खूब लिखा है
जिस शख्स को हम ज़िंदगी भर रुलाना चाहते है
वो आज सबको रुलाए जा रहा हैं देखा
जिसके पास बैठने तक का समय ना था जिनके पास
आज उसके पास हजारों लोगो बैठते देखा
जिते जी ध्यान ना दिया उस पर
आज सबको उसी का ध्यान करते देखा
जिनके दिल में गुस्सा नाराजगी प्रेम था
काश वो नाराजगी गुस्सा जीते जी खत्म कर देते
यही सोच सोच के किसी को पछताते देखा
जो हमेसा व्यस्त थे अपनी ही दुनिया में
जिनकी वो दुनिया हुआ करते थे कभी
आज वो ये दुनिया छोड़ के चलते हुए देखा
जो इंतजार करते थे कब मेरा पीछा छूटे
आज वो उसकी अर्थी को जाने से रोकते देखा है
जिते जी तो कभी उतना ख्याल ना आया उसका
आज सबको बस उसी का ख्याल आते देखा
जिसके जीते जी अहमियत ना जाना उसकी
आज उसकी अहमियत समझते हुए देखा
जिंदा था तो कभी याद ना किया ना ही उसका नाम लिया
आज चला गया तो उसका नाम पुकारते देखा
जिते जी कभी कदर ना की उसकी
आज उसकी फोटो को भी संभाल कर रखते देखा
जिंदगी अगर इतनी खूबसूरत है तो इसमें इतनी बैचैनी क्यों
मृत्यु अगर बुरी है तो इसमें इतना सुकून क्यों



© Nishu