छुपा हुआ
किया गया था
किया पाया था
किसे अपना कहते हूं
किसे बेगाना कहते हूं
क्या समझे थे
क्या नहीं समझे थे
कौन हो तुम
कौन है वह
किया कर रहे हों
किया करना था
किया बनना चाहे थे
किया बन गए हूं ..............
हंसी चेहरे पे थी पहले,
अब कहा सा गुम हो गया है।।
कभी कभी लगता हैं बहुत कुछ जानती हो
तो
कभी कभी सा लगता हैं कुछ नहीं जानती हो।।
बहुत दूर तक पहुंच गई और छुपा...
किया पाया था
किसे अपना कहते हूं
किसे बेगाना कहते हूं
क्या समझे थे
क्या नहीं समझे थे
कौन हो तुम
कौन है वह
किया कर रहे हों
किया करना था
किया बनना चाहे थे
किया बन गए हूं ..............
हंसी चेहरे पे थी पहले,
अब कहा सा गुम हो गया है।।
कभी कभी लगता हैं बहुत कुछ जानती हो
तो
कभी कभी सा लगता हैं कुछ नहीं जानती हो।।
बहुत दूर तक पहुंच गई और छुपा...