महामारी
हो गया अंधमय सारा जहाँ जीवन का पथ वीरान हुआ
धरती यतीम से दिखने लगी महामारी से संग्राम हुआ
उम्मीद अगर है जीने की आपदा से आगे बढ़ना है
करता है वार अगर कोई हिम्मत हमको लड़ना है
ऐ पथिक संभल कर चलना तुम यह राह सजी है कांटो से
थकना है नहीं, बस चलना है ना डर दिन के...
धरती यतीम से दिखने लगी महामारी से संग्राम हुआ
उम्मीद अगर है जीने की आपदा से आगे बढ़ना है
करता है वार अगर कोई हिम्मत हमको लड़ना है
ऐ पथिक संभल कर चलना तुम यह राह सजी है कांटो से
थकना है नहीं, बस चलना है ना डर दिन के...