महामारी
हो गया अंधमय सारा जहाँ जीवन का पथ वीरान हुआ
धरती यतीम से दिखने लगी महामारी से संग्राम हुआ
उम्मीद अगर है जीने की आपदा से आगे बढ़ना है
करता है वार अगर कोई हिम्मत हमको लड़ना है
ऐ पथिक संभल कर चलना तुम यह राह सजी है कांटो से
थकना है नहीं, बस चलना है ना डर दिन के सन्नाटो से फैले दुश्मन है हवाओ में इसका अब सबको ध्यान हुआ
हो गया अंधमय सारा जहाँ जीवन का पथ वीरान हुआ
दुखियो को भय ने घेरा है महँगाई की लाठी ले करके
एक वक़्त की रोती भी ना मिली दिनभर की कमाई दे करके
वो दिन दिखाकर के हिम्मत आपदा सी भी लड़ जाते है
बेवस होकर महंगाई सी बच्चे भूखे सो जाते है
यह देश भ्रष्ट नेताओ के करतूतों सी अन्जान हुआ
हो गया अंधमय सारा जहाँ जीवन का पथ वीरान हुआ
© Roshanmishra_Official
धरती यतीम से दिखने लगी महामारी से संग्राम हुआ
उम्मीद अगर है जीने की आपदा से आगे बढ़ना है
करता है वार अगर कोई हिम्मत हमको लड़ना है
ऐ पथिक संभल कर चलना तुम यह राह सजी है कांटो से
थकना है नहीं, बस चलना है ना डर दिन के सन्नाटो से फैले दुश्मन है हवाओ में इसका अब सबको ध्यान हुआ
हो गया अंधमय सारा जहाँ जीवन का पथ वीरान हुआ
दुखियो को भय ने घेरा है महँगाई की लाठी ले करके
एक वक़्त की रोती भी ना मिली दिनभर की कमाई दे करके
वो दिन दिखाकर के हिम्मत आपदा सी भी लड़ जाते है
बेवस होकर महंगाई सी बच्चे भूखे सो जाते है
यह देश भ्रष्ट नेताओ के करतूतों सी अन्जान हुआ
हो गया अंधमय सारा जहाँ जीवन का पथ वीरान हुआ
© Roshanmishra_Official