...

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गर्मी
अपने किये पर आज हम खुद पछता रहे है ।
गर्मी से बचने के लिए हर उपाय अपना रहे है ।।

जो तुझको गर्मी से बचाने के लिए थे तैयार ।
उन पर तूने खुद चला दिये हथियार ।।

अब क्यों घूम रहा है मारा मारा ,बार बार पी रहा पानी।
क्या अब तुझको याद आ गई तेरी नानी ।।

अभी तो सिर्फ शुरुवात है ,आने वाली कुछ सालों मे प्रलय है
फिर तुझको तेज गर्म हवा ,खूब नचायेगी,तेरी विज्ञान भी तेरे काम ना आयेगी

आपने आप को समझ रहा तु बुद्धिमान ।
पेड़ो को काट बना रहा आलीशान मकान ।।

ये मकान भी तुझको ना बचा पायेगे ।
कुछ दिन में तेरे ए. सी भी तुझको बचा ना पायेगे।।


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