कबीर
पांच सदी पहले हमे, कह गए कबीर सा बात।
जो कुछ है संसार में, वह सबकुछ तुम हो तात।।
जो चाहो तुम खोजना, जिससे हो तुमको लाभ।
बाहिर मत भटके बावरा, भटके नही होगा लाभ।
जो है जितना ब्रह्मांड में,वह सकल भराहुआ पिंड।
तुम झांको भीतर आपुने, देखो वहां...
जो कुछ है संसार में, वह सबकुछ तुम हो तात।।
जो चाहो तुम खोजना, जिससे हो तुमको लाभ।
बाहिर मत भटके बावरा, भटके नही होगा लाभ।
जो है जितना ब्रह्मांड में,वह सकल भराहुआ पिंड।
तुम झांको भीतर आपुने, देखो वहां...