...

11 views

वो शाम...
वो शाम तो मुझे याद नही,पर
पर मुझे याद है मेरे हाथो में तेरा हाथ अब भी,
मुझे याद है वो हर लम्हे में महसूस होता तेरा साथ अब भी ।
मेरे होंठो को तेरे गालो की नर्मी का एहसास आज भी है,
मेरी साँसो को लगता है कि तू मेरे पास आज भी है।
वो मेरा हाथ पकड़ते ही तेरा यूं बेफिक्र हो जाना,
वो मुझसे निगाहें मिलाते ही तेरा यूं बेजिक्र हो जाना।
वो मेरे लिये उठी थी उस दिन वो तेरी हर इक नजर
याद है मुझे वो मेरी उंगलियो ने जो किया था
तेरी मुलायम जुल्फो का वो सफर याद है मुझे
वो हर इक लम्हा,वो हर मंजर,वो हर गुस्ताखी,
वो हर जुर्रत,वो हर आरजू,वो हर गुफ्तगू,
वो हर इश्क का पल जो तेरे साथ जिया था याद है मुझे,
तो फिर क्या फर्क पड़ता है,
अगर वो शाम मुझे याद नही ,
सिवाय इश्क के किया कोई काम मुझे याद नही,
तेरे सिवाय कोई खास-ओ-आम मुझे याद नही ,
तो फिर क्या फर्क पड़ता है,अगर वो शाम मुझे याद नही !...✍️
© VJ