...

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खेत की दुनिया
ऊपर नीलवर्ण का अंबर
नीचे हरित क्रांति छाई
इन दोनों का संगम ऐसा
सबके मन को भा जाए।

स्वच्छ हवा का झोंका एक
देह में शुद्धता भर जाए
सुगंध मनोहर खेतों की
मन में चंचलता भर जाए,

मधुर फल सुनहरी फसलें
जीवन में रस भर जाए
प्रकृति का अनमोल दृश्य
भुला न भुलाया जाए।

My you tube chanel Bulbul's poem
#bulbulspoem