क्या सोच रहे हो, चिल करो🤔🫣😜✍️
लगाओ खूब जोर से ठहाके
घूमो फिरो खाओ टिक्की पड़ाके
मत करो तुम मौसमों की परवाह
वर्षा, गर्मी चाहे जाडे हों कड़ाके
इकट्ठी दोस्तों की महफिल करो
क्या सोच रहे हो,चिल करो 🤔
जो बात बीत गई उसे छोडो
किसी के सामने हाथ मत जोड़ो
जिन्दगी की दौड़ है तो दौडो
हौसला मगर बिल्कुल न तोडो
किसी के हवाले न दिल करो
क्या सोच रहे हो,चिल करो 🤔
कोयल की तरह गाओ
पक्षियों की तरह बोलो...
घूमो फिरो खाओ टिक्की पड़ाके
मत करो तुम मौसमों की परवाह
वर्षा, गर्मी चाहे जाडे हों कड़ाके
इकट्ठी दोस्तों की महफिल करो
क्या सोच रहे हो,चिल करो 🤔
जो बात बीत गई उसे छोडो
किसी के सामने हाथ मत जोड़ो
जिन्दगी की दौड़ है तो दौडो
हौसला मगर बिल्कुल न तोडो
किसी के हवाले न दिल करो
क्या सोच रहे हो,चिल करो 🤔
कोयल की तरह गाओ
पक्षियों की तरह बोलो...