दो घड़ी ठहर इक़रार कर जाना
कभीं इस राह लौट आना हो तो बता देना
दो घड़ी ठहर इक़रार कर जाना
थक चुके दो नैनों को है मनाना
नम पड़ रहीं साँसो को बस अब है...
दो घड़ी ठहर इक़रार कर जाना
थक चुके दो नैनों को है मनाना
नम पड़ रहीं साँसो को बस अब है...