तराना ए दिल🌺❤️
❤️🌺❤️
बेहद खामोश से हो गए हो आजकल,
कहो दोस्त,जबां पर रखा कर्ज़ क्या है,
दिल के शफ़ाखाने नहींं मिलते साहेब,
मरीजे-दिल को कौन पूछे, मर्ज़ क्या है,
उसे तो दरकार बस सोहबत-ए-यार की,
वो क्या जाने ये दुनियावी...
बेहद खामोश से हो गए हो आजकल,
कहो दोस्त,जबां पर रखा कर्ज़ क्या है,
दिल के शफ़ाखाने नहींं मिलते साहेब,
मरीजे-दिल को कौन पूछे, मर्ज़ क्या है,
उसे तो दरकार बस सोहबत-ए-यार की,
वो क्या जाने ये दुनियावी...