...

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self love
मुझे खुदसे प्यार करना है
तो जिंदगी तू खूबसूरत होती जा रही है
मिट्टी के घड़े की तरह सक्त होती जा रही है
हा ठोकर बोहोत लग रही है
तुझे दर्द भी बोहोत हो रहा है तुझे , पर
आने वाले कल के लिए तू उभरती जा रही है
थोड़ी बदलती जा रही है
थोड़ी सवर्ती जा रही है
बस खुद में ही अब तू उलझती जा रही है
यह जो आसू बहा रही हो ना
अपने आप को कमजोर समाज रहियो ना
नही बोहोत कुछ कर सकती हो
तुम आग अब तू सवारती जायेगी
के अब तुझे निखारना है
इस भीड़ से हटकर कुछ करना है
कार्तिका , तुझे बदलना है कुछ तो हासिल करना है
© safaredard