मैं और हम
मैंने बिना पढ़े जानने की कोशीश की
मैंने बिना बादलो को समझे सूरज तक जाने की कोशीश की
बिना पानी में भीगे तरना चाहा
बिना पहाड चढ़े उंचाई की चाहत रखी।
आपको पाने की चाहत में आपको जानना भूल गई।
जीतने की चाहत मे खेलना भूल गयी।
आपके साथ को सरहने की बजाय
सिर्फ आपसे जवाब माँगने लगी।
हम खुश रहना चाहते थे
लेकिन खुशी की तलाश में मैं आपको भूल गई।
आपने मुझे खुश रखने की हर कोशीश की
पर मैं आपकी कोशीश भूल गयी।
मैं, मैं में इतना खो गई
की आप मुझसे कभी मिल ही नहीं पाये।।
मैंने बिना बादलो को समझे सूरज तक जाने की कोशीश की
बिना पानी में भीगे तरना चाहा
बिना पहाड चढ़े उंचाई की चाहत रखी।
आपको पाने की चाहत में आपको जानना भूल गई।
जीतने की चाहत मे खेलना भूल गयी।
आपके साथ को सरहने की बजाय
सिर्फ आपसे जवाब माँगने लगी।
हम खुश रहना चाहते थे
लेकिन खुशी की तलाश में मैं आपको भूल गई।
आपने मुझे खुश रखने की हर कोशीश की
पर मैं आपकी कोशीश भूल गयी।
मैं, मैं में इतना खो गई
की आप मुझसे कभी मिल ही नहीं पाये।।