Jashn e aazaadi
वीरों ने हुंकार भरी है
देश प्रेम की लौ जली है
उठो मुशाफिर चलते जाए
आसमां तक जशन मनाए
हम भारत के वासी सारे
इस दिन को इतिहास बना दे
धरती रंग दे अम्बर रंग दे
धरती को आकाश बना दे
केसर रंग की शान अजब है
इसकी इक पहचान अजब है
जन्म मिला इस मिट्टी में जो
कर्म लिखा इस धरती में जो
कितना है अभीमान न पूछो
इस मिट्टी की शान में जाने
कितने है बलिदान न पूछो
© (✍)Roshan Rajveer
देश प्रेम की लौ जली है
उठो मुशाफिर चलते जाए
आसमां तक जशन मनाए
हम भारत के वासी सारे
इस दिन को इतिहास बना दे
धरती रंग दे अम्बर रंग दे
धरती को आकाश बना दे
केसर रंग की शान अजब है
इसकी इक पहचान अजब है
जन्म मिला इस मिट्टी में जो
कर्म लिखा इस धरती में जो
कितना है अभीमान न पूछो
इस मिट्टी की शान में जाने
कितने है बलिदान न पूछो
© (✍)Roshan Rajveer