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"जीवन की कीमत"(मोरबी पुल हादसे को समर्पित)
बन गई इमारतें,बन रहे हैं पुल,
बहुत सीधे खड़े,
दिखते बड़े मजबूत,
अंदर से लेकिन
ढुलमुल ढुलमुल,
तनिक भरोसा,
जनता का,
तंत्र पर,
फिर ढकोसला
लोकार्पण का,
सभी बंधन जैसे जाते हैं
खुल खुल,
फर्क किसे
कितनों की
हुई जीवन की बत्तियां गुल।
© अल्फाज
बहुत सीधे खड़े,
दिखते बड़े मजबूत,
अंदर से लेकिन
ढुलमुल ढुलमुल,
तनिक भरोसा,
जनता का,
तंत्र पर,
फिर ढकोसला
लोकार्पण का,
सभी बंधन जैसे जाते हैं
खुल खुल,
फर्क किसे
कितनों की
हुई जीवन की बत्तियां गुल।
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