हम ख्वाब हैं नकारे हुए
हम ख्वाब हैं नकारे हुए
हम राज़ है दबे कुचलों के
हम आस हैं गुमनाम चेहरों की
हम ख्वाब हैं नकारे हुए।
वतन के अंश हैं हम
खून हमारा भी लाल है
लापता उम्मीद अगर है कोई
तो वो ख्वाब हैं नकारे हुए।
गैर की मंज़िल नहीं हैं हम
पाप के कटोरे भी नहीं,
हक़ की गूंज में बसते हैं हम,
हम ख्वाब हैं नकारे हुए।
हम भूला दिए जायेंगे
ये इल्म भी है हमें,
काली सियाही के साये में
मगर अमर भी रहेंगे हम
हम आस हैं गुमनाम चेहरों की
हम ख्वाब हैं नकारे हुए।
#hindi #poetry #kavita #kunba #thehellishvisionshow
© Kunba_The Hellish Vision Show
हम राज़ है दबे कुचलों के
हम आस हैं गुमनाम चेहरों की
हम ख्वाब हैं नकारे हुए।
वतन के अंश हैं हम
खून हमारा भी लाल है
लापता उम्मीद अगर है कोई
तो वो ख्वाब हैं नकारे हुए।
गैर की मंज़िल नहीं हैं हम
पाप के कटोरे भी नहीं,
हक़ की गूंज में बसते हैं हम,
हम ख्वाब हैं नकारे हुए।
हम भूला दिए जायेंगे
ये इल्म भी है हमें,
काली सियाही के साये में
मगर अमर भी रहेंगे हम
हम आस हैं गुमनाम चेहरों की
हम ख्वाब हैं नकारे हुए।
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© Kunba_The Hellish Vision Show