...

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जिंद़गी
ज़िंदगी अब जीने लायक
नहीं रही
यहाँ प्यार बिकता हैं
बद़न की किमत भी
होती हैं
एहसास एक नाटक
होता हैं
एह़सान इक बड़ी
सच्चाई हैं
ज़िंदगी अब जीने लायक
नहीं रही
लोग आपस में मिलतें
भी हैं, मगर
लोग आपस में बातें
भी...