...

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यादें
**यादें**
तेरी यादों की तस्वीरें
अब धुँधला सी गयी है,
पहले जो साफ फिसल कर चलती थी ,
अब रुक रुक के चलने लगी है ,
सालौं बीत चुके तुझे गए हुए ,
अब तो मेरी नजरें कमजोर और
यादें धुँधला गयी है ......!
क्या करूँ..... .....!!
चश्मे का नम्बर भी बहुत बड़ गया है ,
और जिनके सहारे
तू मुझे छोड़ गया था ,
वो अपने बच्चे मुझे बृध्हाश्रम के
दरबाजे तक पहुंचा गये हैं ........ ;
अब इन साँसो का
क्या एतबार करूँ ,
जब धड़कनों ने हि
साथ छोड़ दिया है ,
तेरी यादों की तस्वीरें
अब धुँधला सी गयी है ।
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