...

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शिव पार्वती
शक्ति सम्पूर्ण है ।
किंतु शिव बिन
अधूरी हैं ।
वैसे ही जैसे,
कुछ - कुछ
अधूरी हो कर
शिव संग ही पूरी है ।
मैं आराधना
शिव की करती
सती मुझको प्यारी है ।
शक्ति से शिव है
इतनी जानकारी है ।
सती और शिव
मिल कर बने शक्ति
इनके बिन पूजन
भक्ति मेरी ,
अंधियारी हैं ।
एक कर्पूर -से
दूजी सिंदूर-
महीमा आपकी
अतिप्यारी हैं ।
छवि देखत
जीवन तर जाए
सुंदर सुकोमल
शिव शक्ति
ऐसे मनोहारी हैं।
एक नंदी संग चले
दूजे सिंह की सवारी है
दो भिन्न प्राण कहाँ,
एक ही ज्योति
एक ही उजरियारी
शिव पूजे जो धन्य हो वो
और ओ शक्ति पूजे
वो शिव की पियारी हो