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Just hold my hand
जुबां तो है खामोश मगर, आंखों को सबकुछ कहने दो
पारस सी नजरों की छाया कुछ पल मुझ पर रहने दो
संजोते हैं दिल की गहराइयों में ख्वाबों का नया घर
हर पल इश्क की रोशनी में हर दर्द साथ में सहने दो
फिर किस्मत की बारिशों में ढहता है घर तो ढहने दो
एक-एक पत्थर ख्वाबों का, मोर पंख सा बहने दो।।
पारस सी नजरों की छाया कुछ पल मुझ पर रहने दो
संजोते हैं दिल की गहराइयों में ख्वाबों का नया घर
हर पल इश्क की रोशनी में हर दर्द साथ में सहने दो
फिर किस्मत की बारिशों में ढहता है घर तो ढहने दो
एक-एक पत्थर ख्वाबों का, मोर पंख सा बहने दो।।
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