दिल की बंजर जमीन...
वो तूफ़ान जो उस दिल में उठा
फिर दिल में ही समा गया,
कितना हुआ था नुकसान उसे
जिक्र इसका कभी नहीं हुआ ।
उस दिल के हजार टुकड़े
अब...
फिर दिल में ही समा गया,
कितना हुआ था नुकसान उसे
जिक्र इसका कभी नहीं हुआ ।
उस दिल के हजार टुकड़े
अब...