मन में अविरल साथ तुम्हारा,एहसास तुम्हारा।
मन में अविरल साथ तुम्हारा,एहसास तुम्हारा।
मीट जाए मन 'गर तो, कविता बनकर रह जाती है।
अपनेपन की यह रश्मीयां,सविता बनकर छां जाती है।
हो नया सवेरा, तुम अमृतवेला का पहला एहसास...
मीट जाए मन 'गर तो, कविता बनकर रह जाती है।
अपनेपन की यह रश्मीयां,सविता बनकर छां जाती है।
हो नया सवेरा, तुम अमृतवेला का पहला एहसास...