!...ख़ामोश हूं मैं...!
बस वही बात लिखा जाता है
दिल पर जो बात नजर आता है
इतने काबिल तो नहीं है मेरी बातें
तुम पढ़ लो तो, बात नजर आता है
कितनी शिद्दत से हूं खामोश मैं
ये जो दर्द है अजाब नज़र आता है
पर्दा न उठा तो...
दिल पर जो बात नजर आता है
इतने काबिल तो नहीं है मेरी बातें
तुम पढ़ लो तो, बात नजर आता है
कितनी शिद्दत से हूं खामोश मैं
ये जो दर्द है अजाब नज़र आता है
पर्दा न उठा तो...