होश कहां था
पी रखी थी, होश कहां था
नारी सम्मान, जज़्बात कहां था
नोच दिए, जीवन रक्षक को
बताओ धर्म ईमान कहां था😌
रात को बाहर न निकलना
ऐसा अजब, कथन कहा था
देव रूप, नंदिनी बालिका
मिलकर तुमने वार किया था😌
आशाओं के पंख काटकर
तार...
नारी सम्मान, जज़्बात कहां था
नोच दिए, जीवन रक्षक को
बताओ धर्म ईमान कहां था😌
रात को बाहर न निकलना
ऐसा अजब, कथन कहा था
देव रूप, नंदिनी बालिका
मिलकर तुमने वार किया था😌
आशाओं के पंख काटकर
तार...