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राखी के धागे
राखी के धागे, ज्यों चमकते मोती,
बंधती कलाई पर, ज्यों प्रीत की ज्योति।
भाई के हृदय में, प्रेम की बुनाई,
बहन के मन में, सजी है अरुणाई।

चन्दन की सुगंध, है राखी में समाई,
रिश्तों के बंधन, ज्यों मखमली चादर छाई।
भाई की कसम, हैपर्वत की दृढ़ता,
बहन की ममता, ज्यों गंगा की सरिता।

हाथों की हिना, ज्यों बागों की बहार,
राखी के रंग, ज्यों गुलाब की फुहार।
आँखों में बसी, हैं सावन की बूँद,
भाई की कलाई, पर चाँदी की चून।

चूड़ियों की खनक, ज्यों अमृत की धारा,
राखी की लय, है सरगम की तारा।
भाई की हंसी, ज्यों सूरज की किरन,
बहन की खुशी, है चांदनी का चमन।

राखी का बंधन, ज्यों रेशमी साज़,
भाई-बहन का प्यार, लगता संगीत का राज।
अनुपम ये रिश्ता, ज्यों गीतों का मेल,
राखी में सजी, प्रेम की हर बेल।
#writicopoem #rakshabandhan @anshika @ankita

© Priyansh Honey Varshney