राखी के धागे
राखी के धागे, ज्यों चमकते मोती,
बंधती कलाई पर, ज्यों प्रीत की ज्योति।
भाई के हृदय में, प्रेम की बुनाई,
बहन के मन में, सजी है अरुणाई।
चन्दन की सुगंध, है राखी में समाई,
रिश्तों के बंधन, ज्यों मखमली चादर छाई।
भाई की कसम, हैपर्वत की दृढ़ता,
बहन की ममता, ज्यों गंगा की सरिता।
हाथों...
बंधती कलाई पर, ज्यों प्रीत की ज्योति।
भाई के हृदय में, प्रेम की बुनाई,
बहन के मन में, सजी है अरुणाई।
चन्दन की सुगंध, है राखी में समाई,
रिश्तों के बंधन, ज्यों मखमली चादर छाई।
भाई की कसम, हैपर्वत की दृढ़ता,
बहन की ममता, ज्यों गंगा की सरिता।
हाथों...