होंसले...
रूठें-रूठें कुछ ख्वाब है रूठी सी रातें है...
खुद से खुद की कुछ.. मुलाकाते है...
अनजानी सी राहे है....अनजान सफर
बेखौफ कदम है..... बेखौफ काफिले है
अपनी मुठी में अपने टूटे अरमा है.....
है धरती के दामन पर हम दूर अभी असमा है....
...
खुद से खुद की कुछ.. मुलाकाते है...
अनजानी सी राहे है....अनजान सफर
बेखौफ कदम है..... बेखौफ काफिले है
अपनी मुठी में अपने टूटे अरमा है.....
है धरती के दामन पर हम दूर अभी असमा है....
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