...

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किफायत नहीं
क्या ये काफ़ी नहीं कि तुम हमारी चाहत हो
या हम इस कदर नहीं चाहते कि तुम्हारे लिए काफी हो

क्या ये काफ़ी नहीं कि तुम हमारे ख़यालो में हो
या हमें उतना ख्याल नहीं जितना तुम्हारे लिए काफी हो

क्या ये काफ़ी नहीं कि हमने अपना दिल तुम्हें दिया है
या हमारा दिल इतना बड़ा नहीं कि तुम्हारे लिए काफी हो

क्या ये काफ़ी नहीं कि हमारी हर दुआ में तुम हो
या हमारी दुआ में इतनी ताक़त नहीं कि वो काफ़ी हो

क्या ये काफ़ी नहीं कि हमें तुमसे मोहब्बत है
या हमें इतनी मोहब्बत नहीं कि वो काफी हो

हम नहीं जानते तुम्हारे लिए कितना काफी है
मगर शायद हमारा साथ अब काफी नहीं
शायद इसीलिए अब तुम्हें कोई और चाहिए
और गम इस बात का है कि वो कोई और हम नहीं
© R.G. Bohra