चिड़िया
चिड़िया!
क्या तुम चिंतित हो?
क्या तुमने खुद से कभी पूछा है कि तुम क्यूँ चिंतित हो?
किसकी खातिर चिंतित हो?
किसकी वजह से चिंतित हो?
क्या तुम समाज से चिंतित हो?
क्या तुम अपने नाम से चिंतित हो?
क्या तुम्हें पता है कि चिंता क्यूँ बनी?, चिंता किसने बनाई?
उसके कारण को क्या तुमने कभी सोचा है?
अपने मस्तिस्क को क्या तुमने कभी देखा है?
जिसमें खान है हीरों की
जो तुम्हारी सबसे बड़ी संपत्ति है
जिस पर केवल और केवल तुम्हारा हक है
किसी दूसरे का उस पर कोई हक नहीं ,
ना तो समाज का, ना परिवार का और ना ही तुम्हारे मित्र या किसी यार का,
वह तुम्हारा है और केवल तुम ही उसके स्वामी हो
इसलिए उसमें किस तरह के विचार रहेंगे, कौन से विचार को पालना है, और किसको हटाना है,
उसका...
क्या तुम चिंतित हो?
क्या तुमने खुद से कभी पूछा है कि तुम क्यूँ चिंतित हो?
किसकी खातिर चिंतित हो?
किसकी वजह से चिंतित हो?
क्या तुम समाज से चिंतित हो?
क्या तुम अपने नाम से चिंतित हो?
क्या तुम्हें पता है कि चिंता क्यूँ बनी?, चिंता किसने बनाई?
उसके कारण को क्या तुमने कभी सोचा है?
अपने मस्तिस्क को क्या तुमने कभी देखा है?
जिसमें खान है हीरों की
जो तुम्हारी सबसे बड़ी संपत्ति है
जिस पर केवल और केवल तुम्हारा हक है
किसी दूसरे का उस पर कोई हक नहीं ,
ना तो समाज का, ना परिवार का और ना ही तुम्हारे मित्र या किसी यार का,
वह तुम्हारा है और केवल तुम ही उसके स्वामी हो
इसलिए उसमें किस तरह के विचार रहेंगे, कौन से विचार को पालना है, और किसको हटाना है,
उसका...