शब्द और जज्बात
यह तो जज्बात है जो
इन शब्दों में है बहते
वर्ना तो यह शब्द
निर्जीव ही रहते...
श्वेत श्याम रेखाएं
और मात्र कुछ आकार
न होती कोई सोच इनमें
ना ही कोई विचार
जब खूद ही अधूरे होते
तो हमसे भला क्या कहते ?
यह तो जज्बात है जो....
अक्षरों को जोड़ शब्द हो
शब्दों को जोड़...