...

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पंछि
उड़ती हुं खुले आसमान में
जिती हुं संग अपनों के,
ना दूर करो अपनी एक मुस्कान के लिए।
आजाद रहना चाहती हुं
जिना चाहती हुं,
ना रोको अपनी एक मुस्कान के लिए।
पंछि हुं ना कोई खिलौना खुश करना मेरा काम नहीं,
ना कैद करो अपनी एक मुस्कान के लिए।
जिना चाहती परिवार के संग
उड़ना चाहती हुं अपनों के संग,
ना रोको अपनी एक मुस्कान के लिए
ना रोको अपनी एक मुस्कान के लिए।
written by kashish arya
Only for the people who likes to capture the birds for their fun
please 🙏 don't capture the birds
live them free in the sky
it's request to all of u