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“मैं ब्याही जाऊँगी उस संग,जिसे चाह सिर्फ हमसफ़र की होगी!!"
मैं ब्याही जाऊँगी उस संग,
जिसे चाह सिर्फ हमसफ़र की हो,
क्योंकि...............
“मैं उस माँ की बेटी हूँ,
जो संघर्ष पूर्ण जीवन जी रही है,
मैं उस माँ की बेटी हूँ,
जिसका हमसफ़र वर्षों पहले,
उसे अकेला छोड़कर चला गया!!
मैंने देखा है अपनी माँ को,
एक-एक कतरा जोड़ते हुए,
कहती है बेटी ब्याहनी है मुझे अपनी,
वो काटके अपना पेट,
लगी है पाई-पाई जोड़ने में!!"
“मुझे बस इतना पता है,
मैं ब्याही जाऊँगी उस संग,
जिसे चाह सिर्फ हमसफ़र की हो,
क्योंकि,
न मेरी माँ अपनी बेटी बेच सकती है,
न किसी के बेटे को खरीद सकती है!!"
© #Sapnarajput
#Sapnarajput #सपनाराजपूत #Yusuthakur #Sanyog #संयोग #मैं_ब्याही_जाऊँगी_उस_संग_जिसे_चाह_सिर्फ_हमसफ़र_की_हो!!
जिसे चाह सिर्फ हमसफ़र की हो,
क्योंकि...............
“मैं उस माँ की बेटी हूँ,
जो संघर्ष पूर्ण जीवन जी रही है,
मैं उस माँ की बेटी हूँ,
जिसका हमसफ़र वर्षों पहले,
उसे अकेला छोड़कर चला गया!!
मैंने देखा है अपनी माँ को,
एक-एक कतरा जोड़ते हुए,
कहती है बेटी ब्याहनी है मुझे अपनी,
वो काटके अपना पेट,
लगी है पाई-पाई जोड़ने में!!"
“मुझे बस इतना पता है,
मैं ब्याही जाऊँगी उस संग,
जिसे चाह सिर्फ हमसफ़र की हो,
क्योंकि,
न मेरी माँ अपनी बेटी बेच सकती है,
न किसी के बेटे को खरीद सकती है!!"
© #Sapnarajput
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