उसका किरदार बड़ा ही निराला है मियाँ,
बेकरारी हमारी तुमसे मिलने की,,
किस कदर बढ़ती जा रही हैं,,
आ भी जाओ यार मेरे लौट कर,,
तुम्हारी याद बहुत आ रही है,,
वोही एक फर्द है बस मेरे जीने का सबब,,
उसी के वास्ते ये ज़िन्दगी मुस्कुराती...
किस कदर बढ़ती जा रही हैं,,
आ भी जाओ यार मेरे लौट कर,,
तुम्हारी याद बहुत आ रही है,,
वोही एक फर्द है बस मेरे जीने का सबब,,
उसी के वास्ते ये ज़िन्दगी मुस्कुराती...