रिश्ते
डोर रिश्ते की हो या रस्सी की,
तकलीफ़ तब तक ही होती है
जब तक उसे जकड़े रखो!
उसे छोड़ने पर भी तकलीफ तो होगी।
मगर! उसे जकड़ने से कहीं ज्यादा सुकून ...
तकलीफ़ तब तक ही होती है
जब तक उसे जकड़े रखो!
उसे छोड़ने पर भी तकलीफ तो होगी।
मगर! उसे जकड़ने से कहीं ज्यादा सुकून ...