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रौनक शहर की!
#शहरीदृश्यकाव्य

शहर की रौनक भीड़ से और अनजाने लोगो से होती है.
शहर की भीड़ में कही खोये हुए हम सब.
उची इमारते, दूर तक की लम्बी सड़के, ऊंचा पुल,
मेट्रो ट्रैन, और कई प्रकार के अनगिनत दुकाने.
अपनी इस्तिथि से जुजते हुये. हम जिंदगी मे आगे बढ़ते हुये. भीड़ में घूम ना हो उसके लिए निरंतर आगे बढ़ने के लिए कदम उठाते जा रहे हैं.
ऐसा लगता है, पूरी दुनियां ही यहाँ आ बसी है.
इतनी भीड़ में खुद को पहचनना बहुत मुश्किल हैं.
कही यही इमारते लुभाहती
कही यही सड़के दूर ले जाती है.
किसी को देख कर लगता है की कितनी दूरी है दिलो मैं इतनी भीड़ होते हुये हम सब अकेले महसूस करते है.
इतनी शहर की खूबसूरती मनमोहक जिंदगी जीने का रुतबा सिखाती है..




© Er.Parul Singh