अकेला
उम्र भर चला तू अकेला।
अब मरने पर भीड़ आयी है।।
देख तुझे तकलीफ़ में हँसते रहे।
अब तेरी मौत पर गमी छाई है।।
कितना टूटा कितना बिखरा न पूछा किसी ने।
अब राख हो गया तो तेरी फ़िकर सताई है।।
उम्र भर चला तू अकेला।
अब मरने पर भीड़ आयी है।।-वैभव रश्मि वर्मा
© merelafzonse
अब मरने पर भीड़ आयी है।।
देख तुझे तकलीफ़ में हँसते रहे।
अब तेरी मौत पर गमी छाई है।।
कितना टूटा कितना बिखरा न पूछा किसी ने।
अब राख हो गया तो तेरी फ़िकर सताई है।।
उम्र भर चला तू अकेला।
अब मरने पर भीड़ आयी है।।-वैभव रश्मि वर्मा
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