न्यूज़ रिर्पोटिंग का एक घिनौना पहलू
मौत भी एक तमाशा है
हर हादसा एक ख़बर है
बस जिस्म है,फक्त लाश है
न इंसान न इंसानियत है
बची इन कंक्रीट जंगलों में
गम को कुरेदो, खरोचों
निर्मम बेहूदा सवालों से
कैसा लग रहा है आपको
एक मां हो के उस बेटे कि
कैसा महसूस कर रहे हो बेटे
तुम अपने बाप को खो के
शोक में डूबी पत्नी से पूछो
क्या गुजरे पल याद आ रहे
कैमरे में कैद करो हर तस्वीर
अरे देखो आंसू क्या बह रहे
और कुछ नहीं तो खड़ा...
हर हादसा एक ख़बर है
बस जिस्म है,फक्त लाश है
न इंसान न इंसानियत है
बची इन कंक्रीट जंगलों में
गम को कुरेदो, खरोचों
निर्मम बेहूदा सवालों से
कैसा लग रहा है आपको
एक मां हो के उस बेटे कि
कैसा महसूस कर रहे हो बेटे
तुम अपने बाप को खो के
शोक में डूबी पत्नी से पूछो
क्या गुजरे पल याद आ रहे
कैमरे में कैद करो हर तस्वीर
अरे देखो आंसू क्या बह रहे
और कुछ नहीं तो खड़ा...