...

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रिश्ते नाते की जिंदगी अब जीता कौन है
रिश्तों की घुटन में,अब जीता कौन है
यूं वास्ते चलन के, अब जीता कौन है

लगे रहते हैं लोग, बस काटने को दिन,
भला जिंदगी इधर, अब जीता कौन है

न रखता है कोई भी, किसी की खबर,
भला वास्ते औरों के, अब जीता कौन है

बनाये हैं खुदा ने उसूल, जीने के वास्ते,
पर उसके हिसाब से, अब जीता कौन है

कर लिया है नफरतों ने घर, सबके अंदर,
भला चाहतों के वास्ते, अब जीता कोंन है

रहती है नज़र अब तो, औरों के माल पर,
भला वास्ते ईमान के, अब जीता कौन है

लुट सी गयीं हैं मुस्कानें, चेहरों की
ज़िन्दगी खुशियों की, अब जीता कौन है