एक दबी आवाज़ ( Justice for vaterinarian "Dr. Priyanka Reddy ")
अपने जिंदगी के अंतिम सांस तक
कतई क्षमा नहीं कर सकती मैं उसको,
जिसने मेरे जिस्म को खरोंचा है,
जिसने मेरी आत्मा को नोंचा है।
अपनी हवस की भूख मिटाने को,
अपनी झूठी मर्दानगी दिखाने को,
जिसनें हमारी इज्जत को ताड - ताड कर दिया ,
जिसने उस काली रात इंसानियत को शर्मसार कर दिया।
हम तो घर से निकले थे अपनी पहचान बनाने को,
पड़े हुए बेजुबान जो उनकी जान बचाने को,
देर हुई हमको यूं कहलो अस्पताल से आने को,
लगे दरिंदे मेरे पीछे फिर षड्यंत्र रचाने को।
मेरी स्कूटी करके पंचर ,...
कतई क्षमा नहीं कर सकती मैं उसको,
जिसने मेरे जिस्म को खरोंचा है,
जिसने मेरी आत्मा को नोंचा है।
अपनी हवस की भूख मिटाने को,
अपनी झूठी मर्दानगी दिखाने को,
जिसनें हमारी इज्जत को ताड - ताड कर दिया ,
जिसने उस काली रात इंसानियत को शर्मसार कर दिया।
हम तो घर से निकले थे अपनी पहचान बनाने को,
पड़े हुए बेजुबान जो उनकी जान बचाने को,
देर हुई हमको यूं कहलो अस्पताल से आने को,
लगे दरिंदे मेरे पीछे फिर षड्यंत्र रचाने को।
मेरी स्कूटी करके पंचर ,...