नासमझ ख़्वाब
ये ख़्वाब भी बड़े दिलचस्प हैं यूँ ही चले आते हैं
सोना चाहूँ भी तो ये रात भर जगाने चले आते हैं
बड़े ही ना समझ ठहरे जो दिल को समझते हैं ये
और हम झगड़ कर इनमें ही बहलने चले आते हैं
ख़्वाब भी दर हक़ीक़त, हक़ीक़त ही चाहते होंगे
और इक हम ख़्वाब समझ ...
सोना चाहूँ भी तो ये रात भर जगाने चले आते हैं
बड़े ही ना समझ ठहरे जो दिल को समझते हैं ये
और हम झगड़ कर इनमें ही बहलने चले आते हैं
ख़्वाब भी दर हक़ीक़त, हक़ीक़त ही चाहते होंगे
और इक हम ख़्वाब समझ ...