दर्द- ए- जुदाई
बहुत कम सफ़र रहा ज़िन्दगी का तुम्हारे साथ
अभी तो ज़िन्दगी जीना बाकी था तुम्हारे साथ
हमारा साथ छूट गया, खुदा ने बुला लिया अपने पास
मेरी तक़दीर में शायद इतना ही लिखा था साथ
दर्द- ए- जुदाई का ग़म अब सहा...
अभी तो ज़िन्दगी जीना बाकी था तुम्हारे साथ
हमारा साथ छूट गया, खुदा ने बुला लिया अपने पास
मेरी तक़दीर में शायद इतना ही लिखा था साथ
दर्द- ए- जुदाई का ग़म अब सहा...