...

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कभी तो हम साथ थे
बड़ा मुश्किल सा वक्त था ,बड़े मुश्किल से हालात थे।
हिज्र की आंधी हीं कुछ ऐसी थी न पतझड़ थे ना बरसात थे।
क्या शिकायत मैं तुमसे करूं ,जब तूने ही कोई शिकायत ना किया।
वर्ना शिकायतों के फ़ेहरिस्त तो हम दोनों के पास इफ़रात थे।

बिछड़ गए ये और बात है पर कभी तो हम साथ थे।

तेरे जाने से हीं तो रंग सारे फीकें रहने लगे मेरे हयात के।
लब्ज़ अब खामोश है ,मेरे जो मुस्कराते थे कभी बिना बात के।
माना कि खुदा ने मंजूर ना किया दुआएं हमारी मर्ज़ियों वाली।
फिर भी सिर्फ मेरे हीं नहीं ,जिसने बांधे थे मन्नतों के धागे वो तेरे भी तो हाँथ थे।

बिछड़ गए ये और बात है पर कभी तो हम साथ थे।

कभी कशिश न हो पाई किसी से तेरे जाने के बाद से।
रखा है तेरी यादों को दिल में बड़े एहतियात से।
माना कि उन लम्हों की खुशियां इस लम्हें तक ठहर ना सकी
पर काफी मिलते-जुलते ही तो हम दोनों के ख्यालात थे।

बिछड़ गए ये और बात है पर कभी तो हम साथ थे।

© shalini ✍️
#life
#writicoquote
#Love&love