कहा गए वो दिन...???💔💔
जब सबको एक दूजे की फिक्र होती थी
अपनो से सबके चेहरे पर हंसी खिलती थी।
कम वहा भी कौन सी कोई मजबूरी थी
फिर भी रिश्तों में कहा कोई दूरी थी!!!
आज कुछ भी पहले सा नहीं है
हर जगह छाई तन्हाई है।
हर कोई एक दौड़ में लगा है
अपनों ने ही अपनों को ठगा है।
हर वक्त जहा रिश्तों का पहरा था
वहा आज दर्द गहरा है।
नहीं है अब यहां कोई प्रेम की सौगात
यूं पड़ गई है आज रिश्तों में गांठ।
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© Sonali