'चाहता हूँ'
'चाहता हूँ'
मुझे पता है मुझे कोई नहीं मिलने वाला है लेकिन सबको थोड़ा-थोड़ा मिलना चाहता हूँ...
जब तक हूँ तब तक तो साथ ही रहूँगा मैं लेकिन जाने के बाद भी सबके साथ रहना चाहता हूँ...
जब कोई याद करें मुझको बस मुस्कान ही आए चेहरे पर सबके ऐसी कोई वजह बनना चाहता हूँ...
था कोई बड़े दिलवाला जो हँसकर गम अपने भूला दिया करता था बोले हर कोई इतना चाहता हूँ...
गम तो नही है हाथ में मेरे सबके लेकिन सबके होठों पर खुशियों का क़ीमती नूर लाना चाहता हूँ...
सबको पल दो पल ही सही लेकिन उनके इंतज़ार के मुकम्मल हसरत को जीने की सहर चाहता हूँ...
जानता हूँ कुछ अजीबोगरीब है हसरतें मेरी लेकिन इन अजीबोगरीब हसरतों को क़ामिल चाहता हूँ...
आएँगे मेरे बाद भी महफ़िल में मेहरबा कई लेकिन मुदत्तों याद रखा जाने वाला नाचीज़ बनना चाहता हूँ...
करना चाहें जो बाद मेरे मुझको सभी फक्र हो ख़्याल भर से भी मैं ऐसा हासिल बनना चाहता हूँ...
जिस कल की लोग बरसों बस ख़्वाहिश करें 'अभि' आज ही मैं वो आज जीना चाहता हूँ....
जितने दिनओसाल किया रूहानी इश्क़ किया एक रूहानी आशिक़ के नाम से जाना जाना चाहता हूँ...
सोहबत में मेरे थी रुहेदारी कुछ इस कदर कि सबको बना दिया था खुद सा सूफ़ियाना ऐसी शिनाख़्त ए शख्शियत चाहता हूँ...
हर कोई बनना चाहें मेरी कहानी की हिरोईन सबकी कहानी का ऐसा 'रियल लाइफ हीरो' बनना चाहता हूँ...
जितने भी दिन जिया सबकी खुशी को जिया कर दिया अपनी आख़िरी साँस तक को फ़ना ऐसी मसरूफियत चाहता हूँ...
जब भी रहूँ मुस्कुराता हुआ रहूँ कोई सुन न पाए मेरे दिल की दर्दभरी सदा बस ताउम्र मुस्कुराता हुआ जीना चाहता हूँ...
आए कोई ओ गए लेकिन पा न सकें मेरे जिस्म की लज्जत ऐसी सूफ़ियाना सी फ़ितरत चाहता हूँ...
भूल जाएं शक्ल तो कोई तकलीफ़ नही लेकिन बस नाम याद रखें मेरा जमाना ऐसी ताबीर चाहता हूँ...
कर दें नेस्तनाबूद मुझे तो भी कोई गम नहीं जो हाफिज रहें रूह मे सबके वो अक्स चाहता हूँ....
दिन-ओ-ईमान था इंसानियत ओ मुझे रूह ए एहतराम ने बरकद से बक्शा था बस यही सदा चाहता हूँ...
सबको हँसाने वाला कभी रो नही सकता कमजोर हो नही सकता भर दे इंकलाब सबके दिल में ऐसी मिसाल ए नियत चाहता हूँ...
मेरे बाद भी दिल भी जलती रहें सबके दीपक सी कोई ऐसी बेहिसाब बेफायदा बेकायदा सी मोहब्बत चाहता हूँ...
सुनो! मैं जब चला जाऊँगा न तो मुझे याद मत करना वो क्या है न ऐसे मुझे चले जाने वाला एहसास होगा बात दरअसल ये है कि जाने के बाद भी आप सब के दिल में रहना चाहता हूँ मैं....
मुझे पता है मुझे कोई नहीं मिलने वाला है लेकिन सबको थोड़ा-थोड़ा मिलना चाहता हूँ...
जब तक हूँ तब तक तो साथ ही रहूँगा मैं लेकिन जाने के बाद भी सबके साथ रहना चाहता हूँ...
जब कोई याद करें मुझको बस मुस्कान ही आए चेहरे पर सबके ऐसी कोई वजह बनना चाहता हूँ...
था कोई बड़े दिलवाला जो हँसकर गम अपने भूला दिया करता था बोले हर कोई इतना चाहता हूँ...
गम तो नही है हाथ में मेरे सबके लेकिन सबके होठों पर खुशियों का क़ीमती नूर लाना चाहता हूँ...
सबको पल दो पल ही सही लेकिन उनके इंतज़ार के मुकम्मल हसरत को जीने की सहर चाहता हूँ...
जानता हूँ कुछ अजीबोगरीब है हसरतें मेरी लेकिन इन अजीबोगरीब हसरतों को क़ामिल चाहता हूँ...
आएँगे मेरे बाद भी महफ़िल में मेहरबा कई लेकिन मुदत्तों याद रखा जाने वाला नाचीज़ बनना चाहता हूँ...
करना चाहें जो बाद मेरे मुझको सभी फक्र हो ख़्याल भर से भी मैं ऐसा हासिल बनना चाहता हूँ...
जिस कल की लोग बरसों बस ख़्वाहिश करें 'अभि' आज ही मैं वो आज जीना चाहता हूँ....
जितने दिनओसाल किया रूहानी इश्क़ किया एक रूहानी आशिक़ के नाम से जाना जाना चाहता हूँ...
सोहबत में मेरे थी रुहेदारी कुछ इस कदर कि सबको बना दिया था खुद सा सूफ़ियाना ऐसी शिनाख़्त ए शख्शियत चाहता हूँ...
हर कोई बनना चाहें मेरी कहानी की हिरोईन सबकी कहानी का ऐसा 'रियल लाइफ हीरो' बनना चाहता हूँ...
जितने भी दिन जिया सबकी खुशी को जिया कर दिया अपनी आख़िरी साँस तक को फ़ना ऐसी मसरूफियत चाहता हूँ...
जब भी रहूँ मुस्कुराता हुआ रहूँ कोई सुन न पाए मेरे दिल की दर्दभरी सदा बस ताउम्र मुस्कुराता हुआ जीना चाहता हूँ...
आए कोई ओ गए लेकिन पा न सकें मेरे जिस्म की लज्जत ऐसी सूफ़ियाना सी फ़ितरत चाहता हूँ...
भूल जाएं शक्ल तो कोई तकलीफ़ नही लेकिन बस नाम याद रखें मेरा जमाना ऐसी ताबीर चाहता हूँ...
कर दें नेस्तनाबूद मुझे तो भी कोई गम नहीं जो हाफिज रहें रूह मे सबके वो अक्स चाहता हूँ....
दिन-ओ-ईमान था इंसानियत ओ मुझे रूह ए एहतराम ने बरकद से बक्शा था बस यही सदा चाहता हूँ...
सबको हँसाने वाला कभी रो नही सकता कमजोर हो नही सकता भर दे इंकलाब सबके दिल में ऐसी मिसाल ए नियत चाहता हूँ...
मेरे बाद भी दिल भी जलती रहें सबके दीपक सी कोई ऐसी बेहिसाब बेफायदा बेकायदा सी मोहब्बत चाहता हूँ...
सुनो! मैं जब चला जाऊँगा न तो मुझे याद मत करना वो क्या है न ऐसे मुझे चले जाने वाला एहसास होगा बात दरअसल ये है कि जाने के बाद भी आप सब के दिल में रहना चाहता हूँ मैं....
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