तन्हा
चिनारों से धूप छन- छन के आती रही,
भूले हुए किसी की याद दिलाती रही।
कितने तन्हा होंगे वो सोचो जरा
जो लहरों के संग घंटो बतियाते रहे।
लगता है आसमां से खफा हैं सितारे
देखो रात भर बादलों में मुख...
भूले हुए किसी की याद दिलाती रही।
कितने तन्हा होंगे वो सोचो जरा
जो लहरों के संग घंटो बतियाते रहे।
लगता है आसमां से खफा हैं सितारे
देखो रात भर बादलों में मुख...