...

10 views

तुम इंसान हो
खुशियाँ ना मिले तो आँशु बहा देते हो
दर्द महसूस करना हो तो पुराने जख्म हरा कर लेते हो
अगर चोट लगे अपनो से तो शांति से सह लेते हो
भीड़ भी हो सामने तो तुम राह खोज लेते हो
जब पैसो की बात आए तो छल, कपट कर लेते हो
जिस्‍म की हो लालसा तो रूह बेच देते हो
प्यास न बुझी तो तुम जान हर लेते हो
अंधकार के समय में उजियारा खोज लेते हो
छत न हो सोने को तो चाँदनी रात लपेट सो लेते हो
यूँ क्या करू अब जिक्र तुम्हारा
इंसान हो तुम, यही रहोगे
बस कमी है तो इंसानियत की
जो सायद जानवरो को देख सिखा करोगे |
🙂😉
- @mitpratap17