...

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मन उदास न हो
वक्त की भंगिमा से,
मन उदास न हो ।
संध्या की लालिमा से,
मन उदास न हो ।
बंजर सी धरा स्वर्ग सी होगी,
मन उदास न हो।
बांसुरी क्षण में रागमय होगी,
मन उदास न हो।
"संकेत "सदियो सी रक्त रंजीत,
डालि मधु टपकेगा,
मन उदास न हो
© kavi dr.mala"sanket"