हर पल में कुछ खुशनुमा
चिड़ियों का गाना ,सुबह की सहर
बारिश की बूंदे, मौसम की पहल
यादों की टोकरी, हसीं की चहल
नानी की कहानियो में बड़ा सा महल
वो बैलों का चढ़ना, मानो पतंगों की "डोर "
समुद्रो की लेहरो का बदलना उस छोर
उपन्यासों को पढ़कर के ,यूँ मुस्कुराना
फिर चुपके से होंठों पे ,कुछ गुनगुनाना
उड़ती सी...
बारिश की बूंदे, मौसम की पहल
यादों की टोकरी, हसीं की चहल
नानी की कहानियो में बड़ा सा महल
वो बैलों का चढ़ना, मानो पतंगों की "डोर "
समुद्रो की लेहरो का बदलना उस छोर
उपन्यासों को पढ़कर के ,यूँ मुस्कुराना
फिर चुपके से होंठों पे ,कुछ गुनगुनाना
उड़ती सी...