इंतज़ार।
उनकी हँसी में हमने पार पा लिया
क्या पता था ऐसा यार पा लिया
जो रुलाएगा बन के आँसू हमें
क्या पता था वो इंतज़ार पा लिया ..
उनकी सादगी कुछ इस क़दर हम पे चढ़ चुकी थी
की उनमें ही अपना संसार पा लिया
क्या पता था ऐसा यार पा लिया ..
बर्फ़ की हरकत सा पिघलता नशा था कुछ
...
क्या पता था ऐसा यार पा लिया
जो रुलाएगा बन के आँसू हमें
क्या पता था वो इंतज़ार पा लिया ..
उनकी सादगी कुछ इस क़दर हम पे चढ़ चुकी थी
की उनमें ही अपना संसार पा लिया
क्या पता था ऐसा यार पा लिया ..
बर्फ़ की हरकत सा पिघलता नशा था कुछ
...