एक गलतफहमी वाली इश्क़
क्यों नहीं टोकते हो मुझे?
क्यों नहीं आंखों में अपने बसाते हो?
रूठे हुए हो मुझसे आजकल?
यहां बस रूठने की अदा तुम दिखाते हो?
मुझे ना कोई ख़्वाब तेरा ना मुझे तेरी याद।
झूठ कहता हूं अब फिर भी यादों में घर बनाते हो।।
दिल से कर लिया था तौबा हमनें इस मायूसी में।...
क्यों नहीं आंखों में अपने बसाते हो?
रूठे हुए हो मुझसे आजकल?
यहां बस रूठने की अदा तुम दिखाते हो?
मुझे ना कोई ख़्वाब तेरा ना मुझे तेरी याद।
झूठ कहता हूं अब फिर भी यादों में घर बनाते हो।।
दिल से कर लिया था तौबा हमनें इस मायूसी में।...