पिता ...
बाजारीकरण के इस दौर में,
रिश्तो का भी बाजारीकरण हो गया,
और कल पिता के लिए,
सम्मान का दिन तय हो गया ।
ढेरों शुभकामनाओं से भरे संदेशों का,
आना मानो सब एक लय में हो गया ।
सम्मान प्रदर्शन के सूचकांक में कल
पिता का भाव सर्वोत्तम उछाल पर रहा,
तथाकथित सम्मान प्रदर्शन सामग्री की
बिकवाली के उच्चतम स्तर को देखकर
बुजुर्ग पिता जी ने खुद से कहा,
चलो बाजारीकरण ही सही कमसकम
एक दिन तो मेरे सम्मान और भाव का रहा ।
© Vinayak Albela
रिश्तो का भी बाजारीकरण हो गया,
और कल पिता के लिए,
सम्मान का दिन तय हो गया ।
ढेरों शुभकामनाओं से भरे संदेशों का,
आना मानो सब एक लय में हो गया ।
सम्मान प्रदर्शन के सूचकांक में कल
पिता का भाव सर्वोत्तम उछाल पर रहा,
तथाकथित सम्मान प्रदर्शन सामग्री की
बिकवाली के उच्चतम स्तर को देखकर
बुजुर्ग पिता जी ने खुद से कहा,
चलो बाजारीकरण ही सही कमसकम
एक दिन तो मेरे सम्मान और भाव का रहा ।
© Vinayak Albela