...

22 views

ज़हर पीना न पड़ जाए
ज़हर पीना न पड़ जाए -----2
हमें यू उम्र भर तनहा,
कही जीना न पड़ जाए
बिछड़ कर तुझसे यू इकदिन
कही जीना न पड़ जाये
ज़हर पीना न पड़ जाए ----2
अकेले पन की खुशबू तुम
मेरे इस दिल की धड़कन तुम
मुझे ख़्वाबों के जरिए ही
जख़्म सीना,न पड़ जाए
ज़हर पीना, न पड़ जाए,----2
मैं जिस पे नाज करता हूँ
बसीं नजरों में जो मेरे
यू तेरे जानेंभर से ही
दर्द सहना, न पड़ जाए
बिछड़ कर---- ज़हर पीना न पड़ जाए--2
जुदाई की घटा मुझको
नज़र से ख़ूब दिखतीं है
वो आखिरी वक्त का (साया )
हमें खोना न पड़ जाए
बिछड़ कर--- ज़हर पीना न पड़ जाए---2
शिवेन्द्र सिंह सोनू
© All Rights Reserved